पर्यटन हमारे जीवन का वह अटूट हिस्सा है, जिसके अनुभव से जीवन की नीरसता शुन्य हो जाता है। इसका अनुभव जीवन के उस ताज़ी हवा के झोंको के समान है, जिसका एहसास अक्सर वर्षा ख़त्म होने के बाद बाइक राइडिंग पर मिलता है।
पर्यटन से आत्मा को स्फूर्ति देता है, जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने के लिए उत्साह देता है और मन को सबल बनाता है।
यही बदलाव हमारे जीवन में सोच में व्यापाक संभावनाओं के द्वार खोलता है, और हमें जीवन के उन पहलुओं की ओर भी ले चलता है, जिनसबके बारे हमारा सोच कभी अविकसित रहा है।
अगर आपके जीवन भी रोजाना एक ही रूटीन के वजह से उबाऊ बन चूका है तो निश्चित ही आपको किसी मनोरम स्थलों पर परिवार संग घुमने जाना चाहिए।
1. पर्यटन : एक परिचय
पिछले कुछ वर्षों से, भारत के पर्यटन उद्योग में व्यापक वृद्धि पाया गया है। यह उद्योग ने पूरी दुनिया को जोड़ने और समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।
इसीलिए प्रतिवर्ष लाखों लोग छुट्टियाँ, मनोरंजन, नए जगहों को जानने, व्यवसाय और स्कूल सहित कई उद्देश्यों के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा करते हैं।
इससे ना केवल रोजगार सृजन करके देश के अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचता है, बल्कि उसी देश के संस्कृतियों और परंपराओं को दुनिया के सामने रखा है।
इस उद्योग ने ऐतिहासिक स्थलों, प्राकृतिक सुन्दरता से लेकर शहरों और सुंदर समुद्र तटों तक के कई खूबसूरत चीजों ने, पर्यटकों को अपनी ओर खींचा है।
इस लेख में, हम पर्यटन के विभिन्न पक्षों के बारे में बात करेंगे, जिसमें इसके लाभ और हानि, अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका और इसके कारण अन्य क्षेत्रों में नए रुझानों पर चर्चा करेंगे।
2. पर्यटन क्या है : अर्थ एवं परिभाषा
जीवन में नए रंगत, अनभूति और आनंद को जोड़ने के लिए विभिन्न रमणीय स्थलों का दौरा करके जीवन को नया आयाम देना ही, पर्यटन कहलाता है।
इसी परिभाषा को दुसरे शब्दों में कहें तो, पर्यटन उन गतिविधियों अथवा कृत्यों को कहते है, जिनका उद्देश्य जीवन में खुशियों के नए अनुभवों को पाने के लिए नए प्रसिद्ध स्थानों में भ्रमण करते हैं।
ये स्थानें मनोरम प्राकृतिक दृश्य, दर्शनीय स्थल, सांस्कृतिक स्थल, एतिहासिक धरोहर जैसे कोई भी लोकप्रिय जगह हो सकते हैं।
3. पर्यटन के उद्देश्य
यह एक फलता-फूलता उद्योग है, जिसमें हर साल लाखों लोग दुनिया भर में यात्रा करते हैं। परंतु क्या, हमने कभी सोचा है, कि आखिर कोई यों ही भ्रमण करने क्यों निकलेगा।
इनका घुमने का कुछ तो उद्देश्य होगा…! लेकिन पर्यटकों का आखिर क्या उद्देश्य हो सकता है? लोग यात्रा करना क्यों पसंद करते हैं, इसके कई कारण हैं और इस अध्याय में हम पर्यटन के कुछ मुख्य उद्देश्यों की खोज करेंगे।
परिवार में जब कंही घुमने की योजना बनाये जाते है तो अक्सर सबके विचार अलग अलग होते है। कोई जंगल की सैर चाहता है, तो कोई मंदिर घूमना पसंद करता है, तो कोई एडवेंचर करना पसंद करता है, तो कोई कुछ ओर।
यानी हम कह सकते हैं कि प्रत्येक लोगों की व्यक्तिगत एन्जॉय करने के पसंद-नापसंद अलग-अलग होते है। इसी भिन्नता के कारण पर्यटन का उद्देश्यों में भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों के मध्य अंतर पाया जाता है।
हालाँकि, पर्यटन के कुछ सामान्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
3a. मनोरंजन और विश्राम
कई लोग दैनिक घिसेपिटे रूटीन से बचने के लिए दर्शनीय स्थलों, पार्क, नदी-घाटियों में घुमने जाना पसंद करते हैं। इन स्थानों में घुमने का मुख्य उद्देश्य कामकाजी मानसिक और शारीरिक गतिविधियों से दूर, तनावरहित प्राकृतिक माहौल में लीन हो जाना है।
3b. सांस्कृतिक आदान-प्रदान
पूरा विश्व सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण है। इसलिए विश्व के किसी कोने में कोई ना कोई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हर वक़्त हो रहा है। बहुत सारे पर्यटकों को दुसरे देशों के वेशभूषा, रहन-सहन, सांस्कृति को जानने की उत्सुकता होता है। जीवन में एक बार उनके तौर-तरीकों के स्वंय को जीना चाहते है। इसी में उनको आनंद मिलता है।
3c. शैक्षिक उद्देश्य
स्कूल के छात्रों को शैक्षिक उद्देश्य से भी पर्यटन स्थलों का दौरा कराया जाता है। जैसे कि, ऐतिहासिक स्थलों, बहुत से लोग नई संस्कृतियों, इतिहास और पर्यावरण के बारे में जानने के लिए यात्रा करते हैं। शैक्षिक पर्यटन में विक्रमशिला, नालंदा विश्वविद्यालय, लोटस टेम्पल, लालकिला, संग्रहालयों, साइंस सिटी, म्यूजियम, जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
3d. साहसिक और अन्वेषण
पर्यटन रोमांच और अन्वेषण के अवसर प्रदान कर सकता है। साहसिक पर्यटन गतिविधियों में राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, स्कीइंग और स्काइडाइविंग जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं, जबकि अन्वेषण पर्यटन में पर्वतारोहण, गुफा और वन्यजीव सफारी जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
3e. स्वास्थ्य और कल्याण
चिकित्सा पर्यटन एक बढ़ता हुआ उद्योग है, क्योंकि कम कीमत पर बेहतर इलाज़ के लिए अक्सर विदेशों से लोग भारत आते हैं। जिसमें लोग कॉस्मेटिक सर्जरी, दंत चिकित्सा देखभाल और प्रजनन उपचार जैसे चिकित्सा उपचारों को प्राप्त करने के लिए यात्रा करते हैं। भारत के लोग भी दुसरे देशों में वेलनेस रिट्रीट, स्पा मसाज़, के लिए जाते हैं।
3f. राजनीतिक और सामाजिक उद्देश्य
दो देशों के राजनयिक राजनीतिक संबंधों की खबरों अक्सर हम सुनते हैं कई विदेशी नेता या राजनयिक भारत में कभी ताजमहल, तो कभी गंगा तट की खबरे सुनने मिलते हैं। और सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति कर सकता है, जैसे शांति, समझ और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
राजनयिक पर्यटन में राजनीतिक नेताओं और राजनयिकों का दौरा शामिल है, जबकि सांस्कृतिक कूटनीति आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कला और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का उपयोग करती है।
अंत में, हम कह सकते हैं कि पर्यटन के उद्देश्य चाहे जो भी हो, इन उदेश्यों से यात्रियों को अद्वितीय अनुभव होता है, जिससे उनके व्यक्तिगत वृद्धि में विकास करता है।
4. पर्यटन से लाभ
जब कोई पर्यटक किसी गंतव्य यात्रा पर निकलता है, तो वह विभिन्न दर्शनीय स्थलों की दर्शन, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करने, एडवेंचर करने या बस प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए गुजरता है। साथ ही इस पुरे सफ़र के दौरान यात्री अस्थायी आवास, परिवहन, रेस्तरां, जैसे विभिन्न छोटे-मोटे सेवाएँ भी लेते है। इसके अलावा कई सामाजिक और सांस्कृतिक रीतिरिवाजों के आदानप्रदान से पर्यटक और स्थानीय निवासी, दोनों को कई लाभ मिलते है। जिस कारण पर्यटन के विभिन्न लाभों को समझने लगते हैं। जिनपर नीचे विस्तार से लिखा है। जैसे कि :-
4a. विदेशी मुद्रा आय
आगंतुकों अपने सफ़र के दौरान होटल में टहरना, भोजन करना, परिवहन सुविधाओं और स्मृति चिन्ह जैसी चीजों पर पैसे खर्च करते हैं। ये खर्च हुए पैसे उसी देश में रह जाते हैं, जिसके कारण उस देश को विदेशी मुद्रा राजस्व प्राप्त होता है।
4b. अवसंरचना विकास
जब समय के साथ-साथ पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगता है, और विदेशी धन संग्रह बढ़ते है, तो सरकारें भी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रुपये निवेश करने में रूचि दिखाती है। कई मामलों में सरकारें विदेशी निवेशकों को बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए भी आकर्षित करते हैं। जैसे कि :- नए हवाई अड्डे, हाईस्पीड रेलवेज, मोनुमेंट, राजमार्ग परिवहन नेटवर्क आदि के निर्माण।
4c. सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
पर्यटकों के ऐतिहासिक संपत्तियों, संग्रहालयों के भ्रमण से संग्रह जमा राशि से इन विरासतों के संरक्षण में सहायता मिलती है। जिस कारण इन विरासतों के संरक्षण के लिए सरकारी अनुदान के भरोसे रहना नही पड़ता है।
4d. स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा
जंहा यात्रियों का आवागमन बढ़ता है, वंहा राहगीरों की सुविधा के लिए रेस्तरां, गिफ्ट स्टोर, कपड़ा दूकान, किराना दूकान, छोटे होटल्स भी खुलते हैं। और अगर कोई चर्चित स्थल हो जंहा पर्यटकों का आने-जाने का तांता हमेशा लगे रहे तो स्थानीय व्यवसायों को ज्यादा मुनाफा होता है। साथ ही क्षेत्रीय उत्पादकों को बढ़ावा मिलता है, जिससे इन छोटी फर्मों के विस्तार आसानी से होता है।
4e. सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन
जब पर्यटक अपने गंतव्य स्थान तक जाते है तो, राह में वे विभिन्न स्थानीय संस्कृति मानने वाले लोगों से जुड़ते जाते हैं। इससे क्षेत्रीय समाज और आगंतुकों के मध्य सांस्कृतिक जुड़ाव उभरकर आता है। परिणामस्वरूप, लोग एक दूसरे के सांस्कृतिक विविधता के मूल्यों की सराहना करते हैं।
4f. रोजगार सृजन
जिन जगहों पर पर्यटक-स्थल होते है, वंहा पर्यटकों के सेवा के लिए टूर गाइड, परिवहन सेवा, ठहरने के लिए होटल खुलते हैं। नतीजन उस क्षेत्र में बेरोजगारी दर कम हो जाता है।
4g. बेहतर बुनियादी ढाँचा
पर्यटन स्थलों के विकास से ना केवल पर्यटकों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि क्षेत्रीय निवासियों को भी इन सुविधाओं का फायदा होता है। जैसे कि बेहतर सड़कों, हवाई अड्डों और सार्वजनिक परिवहन आदि। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पर्यटन उद्योग के लिए अच्छा है, जो पूरे क्षेत्र का विकास करता है।
5. पर्यटन से हानि
हालांकि पर्यटन से जंहा सकारात्मक प्रभाव पड़ते है, वंही इसके कई नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जिनपर भी ध्यान देना आवश्यक है। तभी हम सही रणनीतियाँ बना पायेंगे जो पर्यटन को बढ़ावा देगा।
5a. पर्यावरणीय क्षति
प्राकृतिक का विनाश में पर्यटन सबसे गंभीर प्रभाव डालता है। यातायात, प्रदूषण और कचरे के बढ़ते स्तर से भूमि और पानी सहित प्राकृतिक संसाधनों को अपूरणीय क्षति हो सकती है।
5b. भीड़भाड़
जिस जगह की लोकप्रियता अधिक होगा, यक़ीनन वंहा पर्यटक आधिक आयेंगे, जिस वजह से निश्चित ही भीड़भाड़ बढ़ेंगे। जिसके परिणामस्वरूप सड़कों पर लंबी कतारें, लोगों के आवाजाही में परेशानियाँ, शहर की व्यवस्था भी बिगड़ता है।
5c. सांस्कृतिक क्षरण
स्थानीय परंपराओं के क्षरण में कंही ना कंही पर्यटन उद्योग भी जिम्मेवार है। उदहारण के लिए, पश्चिमी देशों के पर्यटक जब भारत, भूटान जैसे देशों में आते है, तो वे वो सारे हरकतें करते हैं, जो अपने देशों में करते हैं। परंतु इन देशों के मूल्यों के अनुरूप नही होते हैं। जिससे सांस्कृतिक रीति-रिवाजों और विरासतों का नुकसान पहुँचता है।
5d. रहने की बढ़ी हुई लागत
अक्सर पर्यटकों से अधिक मुनाफा के उद्देश्य से कई जगहों पर कीमतें बढ़ाया जाता है, जिसका सीधा प्रभाव स्थानीय निवासियों पर भी पड़ता है। पर्यटक तो हमेशा अधिक पैसे लेकर घूमते है, वे एकबार घुमने के उद्देश्य से समझौता कर लेते हैं। लेकिन स्थानीय निवासियों के लिए जीवनयापन महँगें हो जाते है।
5e. संसाधनों का अत्यधिक उपयोग
किसी भी स्थान पर संसाधनों की मात्रा पर्याप्त ही रहता है। पर्यटकों के वजह से पानी और बिजली सहित बाकी संसाधनों की खपत बढ़ जाता है। इसका प्रत्यक्ष प्रतिकूल प्रभाव स्थानीय समुदायों पर पड़ता है।
5f. शोर प्रदूषण
पर्यटकों के मनोरंजन के लिए होटल प्रबंधक कई पार्टियों, कॉन्सर्ट, संगीत समारोहों और डांस पार्टियों जैसे जोरदार कार्यक्रम आयोजन करते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की शांति भंग होती है।
5g. ट्रैफिक कंजेशन
यात्रियों के आने से सड़कों पर दवाब बढ़ते है। इसी दवाब के कारण सड़कों पर भीड़भाड़, वायु प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण, और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा प्रभावित होते है।
5h.पर्यावास का नुकसान
ऐसा पाया गया है कि, जो पर्यटक स्थल प्रकृति के गोद में बसा हो, अक्सर उन जगहों पर पर्यटकों के चहलकदमी से स्थानीय वनस्पतियों और जीवों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
5i. मौसमी रोजगार
पर्यटन उद्योग अक्सर मौसमी उद्योग है, जिसका अर्थ है कि, इस उद्योग में लिप्त व्यक्तियों के आय हमेशा एकसमान नही होते हैं। जैसे कि वर्षा समय आगुन्तक अन्य ऋतुओं के मुकाबले कम यात्रा करते है, तो इस उद्योग में लिप्त लोगों के आय भी कम होते हैं।
5j. गोपनीयता की हानि
जब कोई यात्रा पर जाता है, तो हमेशा घुमने वाले जगहों की फोटो, विडियो करके अपने यादों को संजोने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसी फोटो, विडियो के कारण स्थानीय निवासियों के गोपनीयता ख़त्म हो जाते हैं। क्योंकि ये आगंतुक, स्थानीय निवासियों के अनुमति के बिना फ़ोटो और वीडियो खींचते हैं।
5k. निवासियों का विस्थापन
पर्यटन स्थल के विकास के लिए कईबार स्थानीय निवासियों का विस्थापन किया जाता है। इससे स्थानीय निवासियों के अपने खानदानी जमीन की सुखसुविधाओं को छोड़कर दुसरे जगह जाना पड़ता है।
5l. सांस्कृतिक असंवेदनशीलता
कई बार पर्यटक उन स्थानों में भी उत्सुकतावश घुमने जाते हैं, जिन जगहों के रीति-रिवाजों और परंपराओं से अवगत नहीं होते हैं, जिससे अपमानजनक व्यवहार होता है। आगंतुकों की ओर से स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं की अज्ञानता अन्य संस्कृतियों के प्रति असभ्य व्यवहार और असंवेदनशीलता का कारण बन सकती हैं।
6. उपसंहार : अपने विचार
पर्यटन की सबसे बड़ा खासियत है कि, यह हमें नए अनुभवों से रूबरू कराता है। इसके अलावा विभिन्न संस्कृतियों, रीति-रिवाजों और परंपराओं को जानने-समझने का अवसर देता है।
यह हमें दुनिया की विविध सुंदरता से जोड़कर विचारों का कायाकल्प बदलकर तरोताजा करता है। एक ओर जंहा पर्यटन ने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को जंहा मजबूत बनाता है, वंही दूसरी ओर कुछ चुनौतियां भी ला खड़ा करता है।
लेकिन कमियों पर सुधार करके, पर्यटन उद्योग पर बहुत सकारात्मक पहल किया जाना संभव है।
चाहे आप किसी गांव के रहने वाले हो या भीड़भाड़ भरे महानगर के शहरवासी हों, पर्यटन हमें अपनी दिनचर्या से बाहर निकालकर, आसपास की दुनिया के अपार संभावनाओं से जोड़ता है।
तो क्यों न अपना बैग पैक करें, गाड़ी पर चढ़े, और देखें कि आपका रोमांच आपको कहाँ ले जाता है?
उम्मीद है कि आपको हमारे पर्यटन पर निबंध लेख द्वारा काफी कुछ सीखने और जानने का मौका आवश्य मिला होगा। साथ ही हमें यह भी अपेक्षा करते है कि आपको ये बहुत कुछ जानकारियाँ आपके काम आएँगी। और अगर कुछ जानकारियां छूट गयें हो तो, कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें जरुर बताएं।
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