इंटरनेट ने हमारे दैनिक जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव लायें है। ई-कॉमर्स भी उसी बदलाव की उपज है। इस डिजिटल युग में ई-कॉमर्स ने ना केवल ग्राहकों बल्कि दुकानदारों के क्रय-विक्रय के तरीकों को प्रभावित किया है।
आज हम किसी भी वस्तुओं को खरीदने से पहले उससे सम्बंधित सभी जानकारियों को दुकानों में टटोलने से पहले ऑनलाइन कई सारे वेबसाइटों में रिव्यु पढ़कर जानकारियाँ हासिल करते हैं। इससे हमारा काफी समय बच जाता है।
हम कंही से भी, किसी भी वक़्त इन वेबसाइटों को एक्सेस करके वस्तुओं और सेवाओं पर तमाम जानकारियां जुटा सकते हैं। इन ई-कॉमर्स वेबसाइटों के बदौलत न केवल हमारी खरीदारी की आदतों में बदलाव आया, बल्कि इसने व्यवसायों के लिए भौगोलिक सीमाओं से परे ग्राहकों तक पहुंचने के अवसरों को फैलाया है।
इस आर्टिकल द्वारा, इसी ई-कॉमर्स की दुनिया पर चर्चा करंगे, कि आखिर इसने किस तरह पुरे विश्व को प्रभावित किया है और इसके भविष्य की संभावनाओं की खोज करेंगे।
1. प्रस्तावना
आपको दुनिया की हर वस्तु चाहे वह सुई से लेकर, कपड़े, घड़ी, हेलमेट, इलेक्ट्रॉनिक्स, टीवी, फ्रिज, कुर्सी से लेकर किराने का सामान, फ्लाइट बुक करने तक की सुविधाएँ सभी ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर उपलब्ध है।
बड़े शहरों में ऑनलाइन सब्जियां खरीदना तो सामान्य बातें हो गयी है। इस ई-कॉमर्स ने हमारे लिए ऐसी दुनिया का निर्माण किया है, जंहा किसी उत्पाद को देखने-खरीदने के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की जरुरत ही नही है।
एक ही प्रोडक्ट को एक समय में लाखों लोग देख पाते हैं। और खरीद लिए तो सामान लाने के लिए दुकान भी जाने की आवश्यकता नही। सामान घर के चौखट तक शिपिंग कंपनी खुद पंहुचा देती है।
2. ई-कॉमर्स किसे कहते हैं ?
ई-कॉमर्स व्यापार संचालन करने का वह तरीका है, जिसमें ग्राहकों के लिए सेवा और वस्तुओं का आदान-प्रदान ऑनलाइन वेबसाइटों द्वारा किया जाता है। इन सेवाओं और वस्तुओं के क्रय-विक्रय के उपरांत मूल्यों का अदा भी ऑनलाइन किया जाता है।
जैसे कि अमेज़न, फ्लिप्कार्ट, अलीबाबा इत्यादि ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइटों के उदहारण है। ये सब सुविधाएँ मात्र कुछ ही क्लिक से ऑनलाइन किया जाता है। अब हमें हर वस्तु पर जानकारी हासिल करने के लिए बाज़ार जाने की आवश्यकता नही।
पहले जंहा चीजों को खरीदने के लिए बाज़ार जाने के लिए अलग से समय निकलना पड़ता था, उसमें भी भीड़-भाड़ भरा दुकान, सड़कों पर जाम, ख़राब मौसम, थकान पर भुख लगना जैसे कई चुनौतियों से झुझना पड़ता था।
लेकिन ऑनलाइन शौपिंग वेबसाइटों ने इन सभी परेशानियों का हल कर दिया है, जिसके कारण आज ई-कॉमर्स निरंतर फैलता जा रहा है।
3. ई-कॉमर्स के प्रमुख घटक
3a. उत्पाद का चयन करना
हम कुछ भी वस्तुओं को लेकर ई-कॉमर्स वेबसाइट शुरू नही कर सकते हैं। हमें मुनाफे पर भी सोचना होगा। इस लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाते हुए वस्तुओं का चुनाव, बाजार की मांग, प्रतिस्पर्धा और लाभ-हानि को हिसाब करके ही ई-कॉमर्स व्यवसायों में उतरना चाहिए।
3b. वेबसाइट तैयार करना
बिना वेबसाइट के ई-कॉमर्स सेटअप करना संभव नही है। इसलिए ऑनलाइन शौपिंग स्टोर खोलने के लिए वेबसाइट एक महत्वपूर्ण तत्व होने के अलावा प्राथमिक जरुरत भी है।
वेबसाइट का डिजाईन यूजर्स के अनुकूल होने से उपभोक्ताओं को किसी भी पेज पर जाने, पर कोई परेशानी नही होते है। साथ ही जो ग्राहक ब्रांड से जुड़ना चाहता हो, उन्हें सभी नियमों और शर्तों की जानकारियां उपलब्ध होना चाहिए, तभी ग्राहकों का भरोसा बना रहता है।
वेबसाइट बनाने के लिए व्यवसायी को अपने ब्रांड नाम का डोमेन और अच्छा होस्टिंग सर्विस खरीदना होता है। अच्छी होस्टिंग सर्विस लेने से सर्वर डाउन की समस्या नही होता है।
3c. वस्तुओं एवं सेवाओं की सूची जोड़ना
शौपिंग वेबसाइटों में कई प्रकार के वस्तुएं और सेवाओं को उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए वेबसाइट डिजाईन बन जाने के बाद सभी वस्तुओं और सेवाओं को सूचीबद्ध तरीके से व्यवस्थित करना होगा।
सभी वस्तुएं केटेगरी हिसाब से व्यवस्थित होने से ग्राहकों को सुलभता होगा। साथ ही वस्तुओं से जुड़ी विस्तृत जानकारियां उपलब्ध कराना होता है। नही तो ग्राहक दुसरे वेबसाइटों में चले जायेंगे।
3d. पेमेंट गेटवे बनाना
वस्तुओं और सेवाओं को जोड़ने के बाद पेमेंट सिस्टम को भी वेबसाइट में जोड़ना होगा, तभी ग्राहक खरीदने समय पैसों भी अदा कर पायेंगे। ग्राहकों को सभी प्रकार के पेमेंट गेटवे की सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए।
इससे ग्राहकों को खुली छुट मिलता है कि, वे किसी भी तरीके से पैसों का भुगतान कर पायें। जैसे की क्रेडिटकार्ड, डेबिटकार्ड, पेटीएम, गूगल पे, इत्यादि
3d. शिपिंग प्रबंधन करना
ग्राहकों द्वारा वस्तुओं को खरीद लेने के बाद, व्यवसायी को उन वस्तुओं को ग्राहक तक पहुंचाने की जिम्मेवारी होता है। इस सुविधा के लिए उन्हें शिपिंग कंपनियों के साथ सांठगांठ करके ग्राहकों तक सप्लाई किया जाता है।
रिटेलर से ग्राहकों तक पहुँचने वाली अधिकतर वस्तुएं खराब शिपिंग कंपनियों के अनियमित प्रबंधन से होता है। इसलिए अच्छे डिलीवरी का जिम्मेदारी अच्छी शिपिंग कंपनियों को ही देना चाहिए। ताकि खराब डिलीवरी मैनेजमेंट के वजह से ग्राहक बार-बार वस्तुएं लौटायें नही।
3e. ग्राहक सेवा उपलब्ध कराना
हम कितनी भी सतर्कता बरतें, गलतियाँ कभीकभार हो ही जाते हैं। इसलिए ग्राहकों को असामयिक असुविधा ना हो और इनके समस्याओं का त्वरित समाधान के लिए कस्टमर केयर सुविधा भी उपलब्ध कराना चाहिए।
इस सेवा का तात्पर्य यह भी नही है कि ग्राहक असुविधा के समय ही कॉल करें। कई बार ग्राहक सेवाओं पर गहन जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से भी कॉल करके पूछते हैं। या फिर ईमेल भेजते हैं।
3f. ग्राहकों तक विज्ञापन पहुचना
अधिक से अधिक ग्राहकों तक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए मार्केटिंग और विज्ञापन ई-कॉमर्स के प्रमुख घटक हैं। इस कार्य के लिए हमें एक अच्छी क्रियान्वित मार्केटिंग रणनीति के तहत सोशल मीडिया विज्ञापन, ईमेल मार्केटिंग और कंटेंट मार्केटिंग द्वारा विस्तार दिया जाता है।
विज्ञापनों से हम अपने बाज़ार को दूसरों के मुकाबले अधिक ग्राहकों तक पहुँचने में मदद मिलता है। इससे व्यवसायी को ज्यादा मुनाफा होता है।
3g. व्यवसाय का पंजीकरण और कानूनी शर्तें
वस्तुओं को ऑनलाइन बेचना शुरू करने से पहले अपने व्यवसाय को कानूनी नियमों के अनुसार पंजीकृत करना होगा। यह व्यवसाय को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि आप कानूनी और नैतिक रूप से काम कर रहे हैं।
साथ ही इसमें उपभोक्ता संरक्षण कानूनों से सम्बंधित नियमों और शर्तों का अनुपालनहोना चाहिए, जो ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करें। ग्राहकों की शिकायतों और विवादों से निपटने के लिए आपके पास पेशेवर तरीके से हल करने की स्पष्ट नीतियां और प्रक्रियाएं होनी चाहिए।
4. ई-कॉमर्स के लाभ एवं फायदे
4a. वैश्विक बाज़ार तक पहुंच
ई-कॉमर्स ने व्यापारियों और ग्राहकों को एक-दुसरे के करीब लाया है।
अमेज़न.कॉम जैसे ग्लोबल ऑनलाइन स्टोर्स या फिर अपने शौपिंग वेबसाइटो के जरिए व्यापारियों को उन संभावनाओं तक व्यापार करने का अवसर मिला, जिन जगहों पर फिजिकल दुकान खोलना मुश्किल है।
जैसे कि एक भारतीय व्यापारी भी घर बैठे विदेशी ग्राहकों तक अपने वस्तुओं और सेवाओं को पहुंचा सकता है। ठीक उसी प्रकार भारतीय ग्राहक भी विदेशों से सामान आयात कर सकता है।
4b. 24/7 उपलब्धता
आम दुकानें एक निश्चित समय पर, निश्चित स्थान पर ही खुलते है। जिस वजह से ग्राहक और दुकानदार एक समयसीमा पर ही मिल पाते हैं।
लेकिन ये ई-कॉमर्स वेबसाइट 24 घंटे और सातों दिन क्रियाशील होते हैं, जिसका फ़ायदा ग्राहकों और व्यापारी दोनों को होता है। ग्राहक किसी भी समय, किसी भी जगह से शौपिंग वेबसाइट से खरीददारी कर सकते हैं।
इस कारण व्यवसायों को चौबीसों घंटे राजस्व उत्पन्न करने का सुविधा मिलता है।
4c. क्रेता-विक्रेता संबंधों में जुड़ाव
ई-कॉमर्स व्यवसायी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए ईमेल, सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैट सहित कई चैनलों के माध्यम से ग्राहकों से सीधे जुड़े रहते है, जो ग्राहकों को भी सीधे विक्रेताओं से संवाद करने में सहूलियत देता है।
4d. ग्राहकों के लिए लाभ
- छूट और ऑफ़र: ऑनलाइन स्टोर पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अक्सर छूट और विशेष ऑफ़र दिया जाता है, जिसका जानकारी घर बैठे मिलता है।
- तुलनात्मक खरीदारी: ग्राहक आसानी से विभिन्न ऑनलाइन स्टोरों में कीमतों और उत्पादों की तुलना कर सकते हैं।
- कोई परिवहन लागत नहीं: ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी करके परिवहन लागत पर पैसा बचा सकते हैं।
- कम कीमतें: ई-कॉमर्स अक्सर भौतिक दुकानों की तुलना में कम कीमतों की पेशकश करता है, कम परिचालन लागत के कारण।
- उत्पादों को सहेजना आसान: ग्राहक भविष्य की खरीदारी के लिए उत्पादों को अपनी विशलिस्ट या शॉपिंग कार्ट में सहेज सकते हैं।
- साझा करना आसान: ग्राहक उत्पाद लिंक मित्रों और परिवार के साथ आसानी से साझा कर सकते हैं, जिससे राय और अनुशंसाएं प्राप्त करना आसान हो जाता है।
- पार्किंग की कोई समस्या नहीं: ई-कॉमर्स भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पार्किंग स्थल खोजने की आवश्यकता को समाप्त करता है।
4e. व्यापारियों के लिए लाभ
अधिक नियंत्रण: शौपिंग वेबसाइट में कई इंटीग्रेटेड टूल्स होते है, जो वस्तुओं और वित्तीय लेखा-जोखाओं का आटोमेटिक गणना करते है, जिसके कारण वस्तुओं और आय-व्यय का सटीक हिसाब किताब रखना आसान होता है। यंहा पर सामानों के स्टॉक से लेकर, उत्पाद के चेकआउट प्रक्रियाओं तक हर स्टेप्स पर नियंत्रण रहता है।
ग्राहक समीक्षाएँ का संकलन: ग्राहक इन वेबसाइट से खरीददारी करने के बाद, वस्तुओं के गुणवत्ता, शौपिंग तजुर्बा, डिलीवरी मैनेजमेंट, जैसे कई बिन्दुओं पर अपना निष्पक्ष प्रतिक्रिया रखते है। इन जानकारियों से नए उपभोक्ता को उस वेबसाइटों पर लिस्टेड उत्पादों की समीक्षाओं और रेटिंग मिलता है, जो उनके खरीदनें के तरीकों में निर्णायक स्थिति के लिए मदद करता है। इन समीक्षाओं और रेटिंग से कंपनियां अपने ब्रांड में आये गुणवत्ता को सुधारने का काम भी करते हैं।
भीड़ से छुटकारा: पर्व-त्योहारों में लोग ज्यादा खरीददारी करना पसंद करते हैं। इसी कारण पर्व-त्योहारों में दुकानों पर ज्यादा भीड़ होने से ग्राहकों को संभालना मुश्किल होता है। कई ग्राहक भीड़ देखकर दुसरे दुकान चले जाते है, जो एक व्यापारी के लिए घाटे का सौदा है। परन्तु ऑनलाइन खरीदारी से भीड़ और लंबी कतारों को नियंत्रण करने की आवश्यता ही समाप्त हो जाता है।
5. ई-कॉमर्स के क्षेत्र में रोजगार के अवसर
ई-कॉमर्स नाम जितना छोटा प्रतीत होता है, इसे सेटअप करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। एक अच्छे ई-कॉमर्स वेबसाइट को बड़े स्तर पर ब्रांड बनाने में विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट लोगों का जरुरत पड़ता है।
ये एक्सपर्ट लोग ग्राहकों और व्यवसायों के हित को ध्यान में रखते हुए, ऑनलाइन शॉपिंग को अधिक सुविधाजनक और सुलभ सेवाओं के बढ़ते मांग को पूरा करते हैं।
यानी हम कह सकते हैं कि,इसका लाभ ना केवल एक व्यवसायी तक सीमित है, बल्कि इस क्षेत्र से जुड़े बाकी लोगों को भी होता है।
5a. डिजिटल मार्केटिंग
ई-कॉमर्स के उदय ने डिजिटल मार्केटिंग के महत्ता को बढ़ाया है। ये डिजिटल मार्केटर में विशेषज्ञ लोग, सोशल मीडिया, ईमेल, एसईओ, एसईएम और अन्य तकनीकों का उपयोग करके उत्पादों और सेवाओं को ग्राहकों तक सीधे पहुँचाते हैं।
इसलिए समय के साथ डिजिटल मार्केटिंग पेशेवरों की मांग बढ़ा है जो राजस्व वृद्धि में व्यवसायी को मदद करते हैं।
5b. वेबसाइट डेवलपिंग
ऑनलाइन व्यापार उद्योग में वेबसाइटें सबसे बुनियादी जरुरत है। इन वेबसाइटों के डिज़ाइन और कार्यक्षमता से ग्राहकों के वेबसाइट पर अनुभव और ऑनलाइन बिक्री निर्भर करता है। इसलिए, इन व्यवसायों में वेब डेवलपर्स, डिजाइनरों और प्रोग्रामरों का निरंतर आवश्यकता है।
5c. लॉजिस्टिक्स
ग्राहकों द्वारा ऑनलाइन ख़रीदे गये वस्तुओं को पहुंचाने का जिम्मेदारी व्यवसायी पर ही होता है। परंतु व्यवसायी लोग इस कार्य का दायित्व लॉजिस्टिक्स कंपनियों का दे देते है, जो इस काम को पेशेवर तरीके से करते हैं।
ये लॉजिस्टिक्स कंपनियां इन्वेंट्री, शिपिंग, वेयरहाउस मैनेजमेंट से लेकर ट्रांसपोर्टेशन और डिलीवरी तक सभी काम मैनेज करती हैं।
5d. ग्राहक सेवा
ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के पास लाखों की संख्या में ग्राहक होते हैं, जिसमें से कई ग्राहक बार-बार एक ही प्लेटफ़ॉर्म से क्रय-विक्रय करते हैं।
ऐसे में अधिक ग्राहकों से बेहतर रिश्ता बनाए रखने और ब्रांड के प्रति वफादारी बनाने के लिए उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करने की आवश्यकता पड़ता है। इस काम के लिए उत्कृष्ट संचार कौशल और ग्राहकों के मुद्दों को कुशलता से संभालने योग्य व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ता है।
5e. वित्तीय लेखा-जोखा
किसी भी व्यावसायिक कार्यों के लिए वित्तीय लेखा-जोखा करने वाले पेशेवरों का बहुत आवश्यकता होता है। इससे इन कंपनियों के एनुअल रिपोर्ट बनाने में मदद मिलता है, जो भविष्य में बेहतर बजट पूर्वानुमान करने में मदद करता है ताकि, कंपनियां घाटे में ना जाए।
6. ई-कॉमर्स की प्रमुख बाधाएं
1. विदेशी मुद्रा दरें: इन व्यवसायों में आने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों तक अपना पहुँच बनाना है। परंतु विदेशी विनिमय दरों में निरंतर उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। ऐसे में वस्तुओं और सेवाओं के कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखने मिलते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा का नुकसान होने का संभवना भी रहता है।
2. उत्पाद रिटर्न: ग्राहक वस्तुओं को आर्डर करने के बाद बिना रिसीव किए भी वापस कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व और अतिरिक्त शिपिंग लागत का नुकसान होता है।
3. साइबर सुरक्षा के खतरे: ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर अक्सर साइबर हमलों होते रहते है, जिसके कारण संभवत कंपनी और ग्राहक की जानकारी का नुकसान पहुंचता है।
4. शुल्क-वापसी: कई बार ग्राहकों को डिलीवरी में उचित वस्तु प्राप्त नही होता है, ऐसे मामलों पर अगर त्वरित समाधान ना हो, तो ग्राहक और व्यवसायी दोनों को नुकसान होता है।
5. मूल्य प्रतियोगिता: एक ही वस्तु की कीमत अलग-अलग वेबसाइटों में अलग-अलग होता है, ऐसे में ई-कॉमर्स व्यवसायों को कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप कम लाभ मार्जिन प्राप्त होता है।
6. विवरण त्रुटियाँ: कई बार इन ऑनलाइन वेबसाइटों में वस्तुओं से संबंधित सभी जानकारियाँ ग्राहकों को उपलब्ध नही कराया जाता है। इस कारण कंपनी के त्रुटियाँ के वजह से ग्राहक असंतुष्ट होते हैं।
7. बाजार संतृप्ति: जब बाज़ार किसी भी क्षेत्र में संतृप्त हो जाए, तो लंबे समय तक अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर होना अति आवश्यक है। यह ऑनलाइन बाज़ार में प्रमुख बाधा है।
7. उपसंहार
आज, ई-कॉमर्स एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग है जो लगातार बढ़ता जा रहा है, और लोग अब जरुरत से नही बल्कि शौकिया तौर से धड़ल्ले ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं।
इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदान दिया, जो हर साल खरबों डॉलर का राजस्व पैदा करता है। साथ ही इसने सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और डेटा विश्लेषकों से लेकर वेयरहाउस वर्कर्स और डिलीवरी ड्राइवरों तक लाखों बेरोजगार युवाओं को नौकरियां भी दिया हैं।
इतना ही नही, इसके कारण छोटे व्यवसायों को बड़े व्यवसायों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाकर वैश्विक बाजार तक पहुंच प्रदान किया है। लेकिन इसकी चुनौतियों भी कम नहीं है।
ग्राहकों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी होना, डेटा गोपनीयता चिंताएं, साइबर सुरक्षा, जैसे कई मुद्दों का बढ़ना भी चिंताजनक परिस्थितियां है। ग्राहकों को टूटे सामानों की डिलीवरी, गलत सामान पहुँचाना, पैसे रिफंड में समस्या, कस्टमर केयर सर्विस द्वारा रिस्पांसिबिलिटी ना उठाना आम बात है।
लेकिन, इन चुनौतियों के बावजूद ई-कॉमर्स का भविष्य उज्जवल है।
क्योंकि इसने व्यवसायों और उपभोक्ताओं के बीच खरीदारी करने के तरीके को वह नया आकार दिया, जिसकी कल्पना करना एक समय किसी आम इंसान के लिए मुश्किल रहा है।
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